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शुक्रवार, ७ फेब्रुवारी, २०१४

candlestick



बुलिश एंगल्फिंग


बुलिश एनगल्फिंग पिछले क्लोज से नीचे बाजार खुले और अचानक खरीदार आकर पिछले हाई से ऊपर खरीदी करे। यह तेजड़िया (बुलिश) होने की तरफ शार्ट टर्म का झुकाव है। - बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न में दो कैंडलस्टिक इस्तेमाल होती हैं। पहली ब्लैक और दूसरी व्हाइट। इसमें सफेद या व्हाइट बाडी, पहली ब्लैक बाडी को घेरे रहती है। गिरावट के बाद दूसरी व्हाइट कैंडलस्टिक तब बनना शुरू होती है जब बिकवाली का दबाव पिछले बंद से नीचे खुलने में सुरक्षा प्रदान करता है। खुलने के बाद खरीदार आते हैं और भावों को पिछले ओपन से ऊपर ले जाते हैं ताकि मजबूती दिखाई दे और संभावित शार्ट टर्म रिवर्सल होता है। सामान्यतः व्हाइट कैंडलस्टिक बड़ी होना और ज्यादा एनगल्फिंग होने का मतलब है कि ज्यादा बुलिश रिवर्सल।


पीयरसिंग लाइन (भेदक रेखा)



पीयरसिंग लाइन (भेदक रेखा) पीयरसिंग लाइन एक लंबी ब्लैक बाडी है, जिसके साथ व्हाइट बाडी भी आती है। व्हाइट कैंडलस्टिक उसके लो लेवल से नीचे खुलती है और पहली लाइन की रीयल बाडी के आधे में बंद हो जाती है। यह डाउन ट्रेंड में बुलिश रिवर्सल का संकेत देती है।

डार्क क्लाउड कवर




डार्क क्लाउड कवर डार्क क्लाउड कवर एक लांग व्हाइट बाडी है। इसके साथ वाली ब्लैक कैंडलस्टिक इसकी व्हाइट कैंडलस्टिक से ऊंचे पर ओपन होती है और पहली लाइन के आधे से कम में ही बंद हो जाती है। यह अपट्रेंड के दौरान बियरिश रिवर्सल का संकेत देती है।


बुलिश बार रिवर्सल






 बुलिश बार रिवर्सल बुलिश बार रिवर्सल तब होता है जब आज का लो लेवल पिछले दिन के लो से भी कम होता है और मौजूदा भाव / आज का क्लोज पिछले दिन के क्लोज से ज्यादा हो

बुलिश आइलॅंड रिवर्सल्स



बुलिश आईलैंड रिवर्सल एक बुलिश आईलैंड रिवर्सल तब होता है जब आज का लो लेवल पिछले दिन के हाई से ज्यादा हो और पिछले दिन का हाई भी पिछले दो दिन पहले के लो से कम हो।